Tuesday, May 4, 2010

अश्लील फिल्मों की भी राजधानी बनता जा रहा है कराची



पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर और व्यावसायिक राजधानी कराची अश्लील फिल्मों के निर्माण केंद्र के रूप में भी उभर रहा है और युवा वर्ग जल्द पैसा कमाने के लिए इस ओर आकर्षित हो रहा है।

ट्रिब्यून अखबार ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट में कहा था कि कई युवक एवं युवतियां खासकर विद्यार्थी एवं घर से भागे लड़के-लड़कियां, ज्यादा पैसा बनाने के चक्कर में स्थानीय अश्लील फिल्म उद्योग की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

कराची पुलिस और खुफिया विभाग के सूत्रों ने कहा कि कुछ लोग वाकई अश्लील फिल्में बना रहे हैं और दुकानदारों के तगड़े नेटवर्क के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से पूरे देश में सीडी का वितरण कर रहे हैं और इंटरनेट पर उसे पोस्ट कर रहे हैं।

एक खुफिया अधिकारी ने कहा कि यह सच है कि कराची में अश्लील फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है। कुछ समय पहले हमने क्लिफटन में एक फोटो स्टूडियो पर छापा मारा जिसे बॉबी नाम का लड़का चला रहा था। हमने उसे लड़के एवं लड़कियों के साथ अश्लील फिल्म बनाते पकड़ा और उसने स्वीकार किया कि वह इस व्यवसाय में है।

अधिकारी ने कहा कि बॉबी ने स्वीकार किया कि वह प्रभावशाली लोगों से ऑर्डर लेता है जो अश्लील फिल्मों का आनंद उठाते हैं या अश्लील फिल्मों का संग्रह करते हैं। एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि लड़के ने कहा कि किसी व्यक्ति के लिए फिल्म बनाने की खातिर वह दो लाख से तीन लाख रुपये लेता था और बाद में वह उसी फिल्म की प्रतियां बाजार एवं वेबसाइट पर भी वितरित करता था।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि अश्लील फिल्म निर्माता क्लिफटन जैसे पॉश इलाकों से संचालन करते हैं । अधिकारी ने कहा कि वे सभी एक़-दूसरे से संपर्क में रहते हैं और अगर हम उन्हें गिरफ्तार करते हैं तो कुछ दिनों के बाद उन्हें रिहा करना पड़ता है। कराची में यह काफी गुप्त व्यवसाय है।

अश्लील फिल्मों के प्रोडयूसर जुनैद के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, हमारी सफलता का कारण आधुनिक उपकरण नहीं हैं बल्कि युवाओं को इसमें शामिल करना है। पिछले वर्ष हमने सात फिल्में बनाईं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक फिल्म बनाने का खर्च चार लाख से छह लाख रुपये आता है और इससे दस लाख रुपये तक की कमाई हो जाती है। अभिनेत्रियों को प्रति फिल्म 30 हजार से 50 हजार रुपये दिया जाता है।

जुनैद ने कहा कि सात में से तीन फिल्मों में युवाओं ने मुख्य भूमिका स्वेच्छा से निभाई। जुनैद और उसकी सहयोगी टीना ने 2002 में स्टूडियो की शुरूआत की और दावा किया कि उन्होंने 90 से ज्यादा फिल्में बनाई हैं। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस तरफ ध्यान नहीं देने के लिए पुलिस को रिश्वत दी जाती है।

अपराध जांच पुलिस के अधीक्षक फयाज खान ने कहा कि इस तरह की फिल्मों को अनुमति नहीं है और जब भी दुकानों में इस तरह की फिल्में रखने के बारे में पुलिस को सूचना मिलती है, वह कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कई दुकानों में छापेमारी की गई।(sourcr;Hindustan)

2 comments:

Rajeev Bharol said...

चिटठाजगत में आपका स्वागत है.

Yugal said...

पता नहीं किस किस जुर्म की राजधानी है करांची, ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है