Wednesday, July 28, 2010

नशे के लिए इस हद तक.तो ठीक नहीं ... ...

बीयर को फ्रिज में ठंडा करके पीना आम बात है, लेकिन लंदन में बीयर की एक कंपनी मरे जानवरों की खाल में बीयर की बोतल को रखकर बेच रही है। उसका दावा है कि यह दुनिया की सबसे 'स्ट्राग' और महंगी बीयर है। स्कॉटलैंड की कंपनी ब्रेवडॉग ने इस बीयर को 'द एंड ऑफ हिस्ट्री ऐल' नाम दिया है। इसकी सिर्फ 12 बोतलें बनाई हैं, जिन्हें स्टोट [एक प्रकार का जीव], चार गिलहरियों और एक खरगोश में रखकर बेचा जा रहा है। इसे अमेरिका, कनाडा, इटली, स्कॉटलैंड और इंग्लैंड में ब्रिकी के लिए भेजा जा चुका है। कंपनी का कहना है, उसने जानवरों को मारा नहीं है बल्कि सड़क दुर्घटना में मारे गए जानवरों की खाल का उपयोग किया गया है। बीयर की कीमत 900 पाउंड [करीब 36 हजार रुपय] है।
फ्रेजरबर्ग की कंपनी ब्रेवडॉग का दावा है कि यह बीयर व्हिस्की और वोदका से भी स्ट्रांग है। कंपनी के सह संस्थापक जेम्स वाट ने कहा, 'इस बीयर के आगे बाकी सभी बीयर बेकार हैं। इसे पहली बार जानवर की खाल में रखकर पेश किया गया है।' यह बोतल देखने में काफी आकर्षक है और ध्यान आकर्षित करती हैं। (सौजन्य:जागरण डाट काम)

लव/सेक्स/धोखा...कुछ नहीं बस रासायनिक खेल है..?

अपने प्रेमी के लिए ललक ऐसी चीज है, जिसने वैज्ञानिकों को भी लम्बे वक्त तक हैरान किया है। प्यार करने वालों के बीच इस पागलपन का कारण जानने के लिए जाने कितनी खोजें हुई। अगर उन खोजों पर यकीन करें तो दो प्रेमियों की इमोशंस और उनके चेंज होने के पीछे जो असली कारण है, वह है शरीर में होने वाला रासायनिक खेल
वैज्ञानिकों के अनुसार प्यार की अलग-अलग स्टेजेस जैसे इन्फैचुएशन, कडलिंग, अट्रैक्शन यहां तक कि बिट्रेयल के पीछे भी काम करते हैं कुछ खास केमिकल्स। वैज्ञानिक मानते हैं कि आकर्षण असल में इन न्यूरोकेमिकल्स के वर्चुअल एक्सप्लोजन जैसा है। जिसके बाद आपको फील गुड होने लगता है। पीईए, एक केमिकल है जो नर्व सेल्स के बीच इन्फॉर्मेशन का फ्लो बढ़ा देता है। इस केमिस्ट्री में डोपामाइन और नोरिफिनेराइन नामक दो केमिकल्स भी बड़ा इंट्रेस्टिंग काम करते हैं। डोपामाइन हमें फील गुड का अहसास कराता है और नोरिफिनेराइन एड्रिनैलिन का प्रोडक्शन बढ़ा देता है। किसी को देखकर बढ़ने वाली हार्ट बीट इन कैमिकल्स की ही देन है, जिसे प्रेमी कुछ कुछ होना समझ बैठते हैं। ये तीनों कैमिकल्स कम्बाइन होकर काम करते हैं। इन्फैचुएशन जिसे इन जनरल लोग आपकी 'केमिस्ट्री' कहते हैं। यही कारण है कि नए प्रेमी खुद को हवा में उड़ता हुआ, बेहद ऊर्जावान सा फील करते हैं।
किसी के साथ कडल अप करने का मन बस यूं ही नहीं होता। इसके पीछे भी एक केमिकल है! ये है ऑक्सिटोसिन, जिसे कडलिंग केमिकल भी कहा गया है। वैसे तो ऑक्सिटोसिन को मदरहुड से भी संबंध किया जाता है लेकिन ये भी माना जाता है कि ये महिला और पुरूष दोनों को ज्यादा कूल और दूसरों की फीलिंग्स के लिए सेंसिटिव बनाता है। सेक्सुअल अराउजल में भी इसका खास रोल है। ऑक्सिटोसिन प्रोडक्शन ट्रिगर करने के पीछे इमोशनल रीजंस भी हो सकते हैं और फिजिकल भी। यानी अपने लवर की फोटो देखने, उसके बारे में सोचने से लेकर उसकी आवाज सुनने, उसके किसी खास अपीयरेंस तक कुछ भी आपकी बॉडी में ऑक्सिटोसिन का प्रोडक्शन बढ़ा सकता है। अगर प्रेमी फिजिकली प्रेजेंट हैं तो यही हार्मोन एक-दूसरे को गले लगाने और कडल करने के लिए उकसाता है।
इन्फैचुएशन कम होते ही केमिकल्स का एक नया ग्रुप टेकओवर कर लेता है। इसे क्रिएट करते हैं एन्डॉर्फिन्स। ये केमिकल्स पीईए जैसे एक्साइटिंग नहीं होते लेकिन ज्यादा एडिक्टिव और कूल करने वाले होते हैं। यही कारण है कि इन्फैचुएशन के बाद प्यार की अगली स्टेज यानी अटैचमेंट में इंटिमेसी के साथ-साथ ट्रस्ट, वॉ‌र्म्थ और साथ वक्त बिताने जैसी इमोशंस फील की जाती हैं। जितना ज्यादा लोग इन केमिकल्स के आदी हो जाएं वो उतना ही इनसे दूर नहीं रह सकते। यही कारण है कि लम्बे चलने वाले लव अफेयर्स या कोई खास रिश्ता टूटना आप बर्दाश्त नहीं कर पाते। इसके पीछे रीजन है इन केमिकल्स का लत लगना। अपने पार्टनर के दूर जाने पर उसे मिस करने के पीछे भी यही एंडॉर्फिन्स होते हैं। प्रेमी के दूर जाने पर ये केमिकल्स बॉडी में कम होने लगते हैं और इनके आदी होने की वजह से आप अपने प्रेमी, या विज्ञान की भाषा में कहें तो इन हारमोन्स की कमी महसूस करने लगते हैं।(सौजन्य:जागरण डाट काम)

Wednesday, July 14, 2010

बुर्का पहनाया तो १८ लाख जुर्माना

फ़्रांस में अब मुस्लिम महिलाएं बुर्का नहीं पहन पाएंगी क्‍योंकि फ्रांस में पहनने पर पाबंदी लगा दी गई है। देश की संसद राष्ट्रीय महासभा ने भारी बहुमत से इस आशय का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसके अनुसार सार्वजनिक रूप से चेहरा ढंकना गैरकानूनी होगा। अगर कोई महिला इस नियम को तोड़ती है तो उसे 150 यूरो, यानी लगभग 9 हज़ार रुपए तक का जुर्माना देना होगा। किसी को बुर्का पहनने के लिए मजबूर करने पर एक साल की कैद व तीस हज़ार यूरो, यानी करीब 18 लाख रुपए के बराबर जुर्माना देना पड़ेगा। अगले साल से यह पाबंदी लागू हो जाएगी। फ़्रांस में पचास लाख मुसलमान रहते हैं, इससे पहले बेल्जियम में भी बुर्के पर पाबंदी लगाई गई थी। (साभार:मेरीखबर.कॉम)

५० साल में बालों में १०० बार बदलाव !


 ब्रिटेन में हुए एक सर्वेक्षण के मुताबिक एक महिला अपने जीवन में औसतन 104 बार 'हेयर स्टाइल' बदलती है। समाचार पत्र 'डेली मेल' के अनुसार महिलाएं 13 से 65 वर्ष की उम्र में कई बार 'हेयर स्टाइल' बदलती हैं। वे साल में कम से कम दो बार बालों की लेयरिंग कराती हैं और बालों को रंगती भी हैं। यही नहीं वे अपने बालों को छोटा भी कराती हैं।
सर्वेक्षण करने वाले हेयरड्रेसर एंड्रयू कोलिंग के मुताबिक ज्यादातर महिलाएं सालभर में अपने बालों के कम से कम तीन बार रंग बदलने की कोशिश करती हैं। इनमें गहरा भूरा रंग (डार्क ब्राउन) सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। अधिकतर देखा जाता है कि दो तिहाई महिलाएं कम से कम एक बार अलग दिखने की कोशिश करती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाओं के हेयरड्रेसर उनके पुराने 'हेयर स्टाइल' को बोरियत बताते हैं। दूसरा सबसे बड़ा कारण बदलते हुए रिश्ते हैं। महिलाएं नए रिश्ते के साथ नए रूप में दिखना चाहती हैं। यह सर्वेक्षण 3,000 महिलाओं पर किया गया। जिसमें पाया गया कि 44 फीसदी महिलाएं बोरियत की वजह से बाल के रंग या 'हेयर स्टाइल' बदलती हैं, जबकि 61 फीसदी ने कहा कि वह अपने में बदलाव देखना चाहती हैं।(साभार:मेरीखबर.कॉम )