Wednesday, July 30, 2008

गलतियां

गलतियाँ करना कभी बंद नहीं होताऔर
उन्हें ठीक करना भी
नई के साथ पुरानी गलतियाँ भी हम करते हैं
और हर गलती न ठीक हो सकती है
और न हम ठीक कर पाते हैं, न करना चाहते हैं
कुछ गलतियाँ करके हम पछताते हैंऔर
कुछ गलतियाँ हम जान बूझकर करते हैं
जैसे कि किसी यह कह देना कि यार मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
कुछ गलतियों के बारे में हमें कभी पता नहीं चलता
कई बार तो बताने पर भी हम यह जान नहीं पाते
बहरहाल मैं कसम खाता हूँ कि जब तक जिंदा हूँ
गलतियाँ करता रहूँगा
अगर मैं अपनी किसी भी गलती के लिए माफी न मांगूंतो
समझना कि मैं हूँ नहीं।
(-विष्णु नागर)

शोर

मेरे भीतर इतना शोर
हैकि
मुझे अपना बाहर
बोलना तक अपराध लगता है
जबकि
बाहर ऐसी स्थिति हैकि
चुप रहे तो गए।

-(विष्णु नागर)

Tuesday, July 29, 2008

सलमान ने शाहरुख़ को बंदर और कुत्ता कहा

बॉलिवुड के बैड बॉय सलमान खान इनदिनों फिर सुर्खियों में हैं। उनके और शाहरुख खान के बीच हुए बवाल पर मीडिया में आ रही ख़बरों से सलमान बिफर गए हैं। सल्लू मियां ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि वह शेर हैं और कोई बंदर शेर का शिकार नहीं कर सकता है। गौरतलब है कि हाल ही में बॉलिवुड स्टार कैटरीना कैफ की बर्थ डे पार्टी पर सलमान खान और शाहरुख खान के बीच जमकर बवाल हुआ था। दोनों सुपरस्टारों के बीच बात हाथापाई तक पहुंच गई थी। सलमान के हालिया बयान को उस विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सलमान खान ने कहा है कि बंदर शेर को चिढ़ाता है और सिर्फ आवाज़ कर सकता है। लेकिन वह कभी शेर को मार नहीं सकता। बंदर कुछ भी नहीं कर सकता है। लेकिन जब शेर दहाड़ता है तो पेड़ों पर चढ़े बंदरों के झुंड नीचे गिर जाते हैं। सलमान खान ने कहा कि लोग अगले कुछ दिनों तक मेरे बारे में काफी बकवास पढ़ेंगे और सुनेंगे। सलमान ने कहा कि वह चाहते हैं कि लोग इन्हें पढ़ें जरूर , लेकिन रिएक्ट न करें। सलमान ने रूपकों के जरिए ही हमला बोला और सीधे किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन इशारों-इशारों में सारी बात कह गए। सलमान ने कहा कि जब आप कार चलाते हैं और कुत्ते आप की कार का पीछा करने लगते हैं और भौंकने लगते हैं तो आप अपनी कार रोकते नहीं हैं और चलते जाते हैं। क्योंकि कार रोककर कुत्ते से भिड़ने का कोई मतलब नहीं है। सलमान ने कहा कि वह कभी ऐसा नहीं करते। सलमान ने अपने दिल का दर्द बयां करते हुए कहा कि वह जिस इंडस्ट्री में काम करते हैं , वहां दूसरों की कामयाबी लोगों को फूटी आंखों नहीं सुहाती है। सलमान के मुताबिक लोग बॉलिवुड में सिर्फ अपनी कामयाबी पर खुश होते हैं और दूसरों को आगे बढ़ते और सफल नहीं देख सकते। सलमान इस मुद्दे पर जमकर बोले। सलमान खान ने कहा कि यहां लोग खुद कोशिश करके आगे नहीं बढ़ते , बल्कि दूसरों की टांग खींचने की कोशिश करते हैं।

सलमान की देशभक्ति शाहरुख़ को पसंद नही

पिछले दिनों हुई कटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी पहला ऐसा आयोजन था , जब तीनों खान एक साथ मिले। हालांकि उसका नतीजा भी सलमान खान और शाहरुख खान की लड़ाई के रूप में सामने आ चुका है। पिछले दिनों दोनों के बीच लड़ाई - झगड़े की तमाम खबरें आ रही थीं , लेकिन उसकी सही वजह पता नहीं लग पाई। जब इस बारे में जानने की कोशिश की गई , मौके पर मौजूद एक सूत्र ने बताया कि पार्टी में सलमान , शाहरुख और आमिर खान साथ बैठे बातचीत कर रहे थे। तभी शाहरुख ने एक आइडिया दिया कि हम तीनों को एक फिल्म में साथ काम करना चाहिए। लेकिन सल्लू इस बात से सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा कि तीनों खान को एक साथ लेकर फिल्म बनाना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए बेहतरीन स्क्रिप्ट और डाइरेक्टर मिलना मुश्किल है। इसकी बजाय हमें एक स्टेज शो करना चाहिए और उससे इकट्ठा होने वाला रुपया प्राइम मिनिस्टर रिलीफ फंड को भेज देना चाहिए। इस पर शाहरुख ने जोक किया कि सलमान आजकल काफी सीरियस हो गए। तभी प्राइम मिनिस्टर फंड के लिए रुपया भेजने की बात कर रहे हैं। इससे उत्साहित सलमान ने कहा कि हम लोग 40 से ऊपर हो गए हैं। इसलिए हमें फिल्मों के बारे में बातचीत बंद करके देश के लिए कुछ करना चाहिए। कुछ मर्दो वाली बात करो यार ! सलमान का यह कॉमेन्ट शाहरुख को पसंद नहीं आया और उन्होंने ऐश्वर्या के बारे में जोक मार दिया। इससे सलमान नाराज हो गए और दोनों के बीच लड़ाई हो गई।

Wednesday, July 23, 2008

इसी जन्म मे दूसरा जन्म

अगर कुछ यूं होता कि आपको किसी ऐसी दुनिया में छोड़ दिया जाता जहां आप अपनी मर्जी से जिंदगी जी सकते तो क्या होता। ऐसी दुनिया जहां खाना जरूरत के बजाय मर्जी की चीज होता और हवा में उड़ना बच्चों का खेल। एक ऐसी दुनिया जहां आपको न आफिस की टेंशन होती और न बढ़ती उम्र की चिंता। कई कंपनियों ने तो इस दुनिया में अपना कारोबार भी शुरू कर दिया है। जानी-मानी कार कंपनी टोयोटा इसके भीतर अपनी वर्चुअल कारें बेच रही है तो समाचार एजेंसी रायटर्स ने इसमें हो रही हलचलों को कवर करने के लिए इसके भीतर ही एक रिपोर्टर का अवतार नियुक्त कर दिया है।
आप कहेंगे कि ये तो वही ‘यूं होता तो क्या होता’ वाली बात हो गई। खैर असल का तो कहना मुश्किल है पर इंटरनेट नाम के ब्रह्मांड में एक ऐसी अनोखी दुनिया का नक्शा तेजी से उभर रहा है। ये एक ऐसी मायावी दुनिया है जहां आप मनचाहा अवतार ले कर जी सकते हैं। सेकेंड लाइफ के नाम से मौजूद इस त्रिआयामी यानी थ्री डी दुनिया में आपकी शक्लोसूरत, कपड़ों का स्टाइल, रोजमर्रा की जिंदगी का रूटीन और ऐसी कई दूसरी चीजें सिर्फ आपकी पसंद के हिसाब से तय होती हैं। मनचाही जिंदगी का लुत्फ उठाने के लिए यहां हर चीज मौजूद है यानी बंगला, गाड़ी, शापिंग माल्स, डिस्को, कालेज और तमाम दूसरी चीजें। आपको चाहिए तो बस एक कंप्यूटर और ब्रांडबैंड इंटरनेट कनेक्शन। और हां, अगर आप सोच रहे हैं कि मन बहलाने के अलावा इस नकली दुनिया में ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं है तो आपको बता दें कि न सिर्फ लाखों लोग इस मायावी दुनिया में निहायत ही संजीदा तरीके से जिंदगी जी रहे हैं बल्कि कई कंपनियों ने तो इस दुनिया में अपना कारोबार भी शुरू कर दिया है। जानी-मानी कार कंपनी टोयोटा इसके भीतर अपनी वर्चुअल कारें बेच रही है तो समाचार एजेंसी रायटर्स ने इसमें हो रही हलचलों को कवर करने के लिए इसके भीतर ही एक रिपोर्टर का अवतार नियुक्त कर दिया है।
जहां तक इस दुनिया में अवतार लेने का सवाल है तो इसके लिए आपको सेकेंड लाइफ की वेबसाइट पर जाकर अपना एक प्रोफाइल बनाना होता है। ठीक वैसे ही जैसे आप अपनी एक ईमेल आईडी बनाते हैं। फर्क इतना है कि यहां आपको ईमेल आईडी की जगह कार्टून से मिलता-जुलता अपना एक रूप मिलता है जिसका नाम और रंगरूप आप खुद तय कर सकते हैं। इसके बाद ये दुनिया आपके लिए खुली है। माउस और की बोर्ड की मदद से घूमिए, फिरिए, लोगों से मिलिए और दोस्त बनाइए। कुछ डालर खर्च कर सकें तो सेकेंड लाइफ की प्रीमियम मेंबरशिप भी ली जा सकती है जिसके बाद आप इस दुनिया के स्थाई नागरिक बन जाएंगे। फ्री या बेसिक मेंबर्स के लिए इस दुनिया में कोई पक्का ठिकाना नहीं होता लेकिन प्रीमियम मेंबरशिप लेते ही आप यहां के स्थाई नागरिक बन जाते हैं। मेंबरशिप के साथ आपको हर हफ्ते खर्च करने के लिए एक निश्चित रकम मिलेगी। इस रकम से एक प्लाट खरीदा जा सकता है जिस पर बंगला बनाएं या महल ये आपकी मर्जी। सेकेंड लाइफ की अपनी एक करेंसी है जिसे लिंडन डॉलर कहा जाता है और इसे आप एक्सचेंज रेट के हिसाब से यूएस डालर में भी बदल सकते हैं।
देखा जाए तो सेकेंड लाइफ की ये दुनिया कई मायनों में असल दुनिया जैसी भी है। थोड़ा बहुत घूमने और इस दुनिया को कुछ-कुछ समझने के बाद यहां आप अपनी जिंदगी का रूटीन तय कर सकते हैं। मसलन अगर आप अपने काम में होशियार प्रोफेशनल हैं तो यहां अलग-अलग काम कर रही कंपनियों में नौकरी तलाश सकते हैं जिसके लिए आपको बाकायदा तनख्वाह मिलेगी। और अगर इनवेस्टमेंट का शौक है तो जमीन का बड़ा सा टुकड़ा खरीदिए, उस पर प्लॉटिंग कीजिए और मुनाफा कमाइये।
फिलहाल करीब 80 लाख ऐसे लोग हैं जो सेकेंड लाइफ के जरिये दोहरी जिंदगी जैसा अनुभव ले रहे हैं। सेकेंड लाइफ पर उठ रही बहस और इसके कई पहलुओं पर पैदा हुए विवाद को अगर छोड़ भी दें तो भी एक जिंदगी में दूसरी जिंदगी जीने का ये आइडिया है तो मजेदार।
- अभिषेक बहुगुणा ,तहलका से साभार

बुद्धू बक्शे पर अकलमंदो की आँख -मिचौली

टेलीविजन की दुनिया में में आजकल ऐसा बहुत कुछ है जो काम नहीं कर रहा. न गेम शो, न बड़े स्टार और न रटे-रटाए फार्मूले. मार्केट लीडर स्टार प्लस ने शाहरुख खान को लेकर क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं पेश किया था मगर इसका प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा. ऐसा ही कुछ दूसरे नए शोज के साथ भी हो रहा है. घबराहट में चैनल पुराने फॉर्मूलों का सहारा ले रहे हैं. इनमें से एक है धार्मिक कथाएं. एनडीटीवी इमेजिन नए कलेवर के साथ रामायण दिखा रहा है तो मुखर्जी भी अपने मनोरंजन चैनल नाइन एक्स पर अगले महीने महाभारत का नया स्वरूप लेकर आ रहे हैं. उन्हें यकीन है कि ये उनके लिए तुरुप का इक्का साबित होगा. कहानी हमारे महाभारत की के नाम से आने वाले इस धारावाहिक का निर्माण सास-बहू सीरियल्स और के अक्षर से जुड़ाव के लिए मशहूर बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा भव्य स्तर पर किया जा रहा है. मुखर्जी कहते हैं, “मैंने इस शो में अपना खून-पसीना लगा दिया है. मुझे यकीन है कि ये सफल रहेगा.” आईएनएक्स से जुड़े सूत्रों की मानें तो मुखर्जी का ये ताजातरीन आत्मविश्वास उनके समूह के म्यूजिक चैनल 9एक्सएम की अप्रत्याशित सफलता का परिणाम है जिसने 55 फीसदी दर्शकों के साथ कई सालों से अगुवा रहे एमटीवी को काफी पीछे छोड़ दिया है.
आईएनएक्स को चलाने पर होने वाले 300 करोड़ रुपये सालाना खर्च को देखें तो किसी मनोरंजन चैनल के साथ बाजार में उतरना एक महंगा सौदा लगता है. भारत के कुल टीवीदर्शकों का 35 फीसदी हिस्सा भले ही हिंदी मनोरंजन वर्ग के खाते में जाता हो मगर इसमें भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले साल लांच हुए 9एक्स और एनडीटीवी इमेजिन ने स्टार, जी और सोनी जैसे स्थापित खिलाड़ियों के लिए चिंता पैदा कर दी है. मुखर्जी के 9एक्स का कई बार सोनी को पछाड़कर तीसरे स्थान पर काबिज हो जाना यही दर्शाता है कि किसी की भी जगह सुरक्षित नहीं है.
यही वजह है कि इन चैनलों के लिए कार्यक्रम बनाने वाले प्रोडक्शन हाउसों के भी पसीने छूट रहे हैं. चैनलों पर अच्छी रेटिंग्स को बनाए रखने का दबाव होता है और वो भी इन प्रोडक्शन हाउसों पर उतना ही दबाव बना कर रखते हैं. एक वक्त था जब बालाजी टेलीफिल्म्स किसी एपीसोड की कैसेट उसके प्रसारण से कई हफ्ते पहले ही स्टार प्लस को सौंप देता था मगर अब इस कंपनी के एक प्रोड्यूसर के शब्दों में “प्रसारण के एक दिन पहले तक हम से बदलावों के लिए कहा जाता है. दबाब वाकई में बहुत बढ़ गया है.”
खेल चैनलों को मिला दें तो टीवी प्रसारण उद्योग के 22,000 करोड़ रुपये सालाना कारोबार (गौर करें कि हिंदी फिल्म उद्योग का वार्षिक कारोबार 9000 करोड़ रुपये का है.) का 72 फीसदी हिस्सा मनोरंजन चैनलों से आता है. वर्तमान में हिंदी के 11 मनोरंजन चैनल मैदान में हैं. जुलाई में वायाकॉम और नेटवर्क 18 का संयुक्त उपक्रम वायाकॉम 18 अपना चैनल कलर्स लांच कर रहा है. इसके साथ ही दो और नए चैनल भी जल्द ही इस बाजार में छलांग लगाने की तैयारी में हैं.
मगर इसके बावजूद ये जानना लगातार मुश्किल होता जा रहा है कि दर्शक क्या पसंद करेंगे और क्या नहीं. 90 के दशक की शुरुआत में स्टार इंडिया के लांच में अहम भूमिका निभाने वाले और विज्ञापन जगत के तजुर्बेकार रोहिंतन मालू कहते हैं, “दर्शकों के सोचने का तरीका बदल गया है. आप आज शोले बनाएं और वो डूब जाएगी.” मालू की राय में हिंदी मनोरंजन चैनलों में अब तक तीन चीजें सफल रही हैं---अमिताभ बच्चन का कौन बनेगा करोड़पति, के से शुरू होने वाले सास-बहू धारावाहिक और आईपीएल. वो कहते हैं, “इसके अलावा सब कुछ असफल रहा है.”
जानी-मानी विज्ञापन एजेंसी देंत्सू इंडिया के मुखिया संदीप गोयल कहते हैं, “कोई भी विज्ञापन एजेंसी ऐसी नहीं है जिसे पांचवीं पास...की असफलता से झटका न लगा हो. वक्त आ गया है कि पुराने फॉर्मूलों को छोड़ दिया जाए. किसी शो को सिर्फ इसलिए न बनाया जाए कि वह 16 देशों में सफल रहा है. हो सकता है कि ये भारत में काम न करे” जी नेटवर्क के पूर्व सीईओ गोयल कहते हैं कि मनोरंजन चैनल देखादेखी की होड़ में पड़कर स्थितियां खुद ही बिगाड़ रहे हैं. वो कहते हैं, “कोई रियलिटी शो हिट हुआ नहीं कि सारे के सारे उसके पीछे पड़ जाते हैं. अब एनटीटीवी इमेजिन को रामायण से थोड़ी सफलता क्या मिल गई कि हर कोई धार्मिक कथाओं की तरफ दौड़ रहा है. चैनलों में सृजनात्मकता की नहीं बल्कि हिम्मत की कमी है.”
विडबंना देखिए कि दूसरे मनोरंजन चैनलों को नकलची कहने वाले स्टार इंडिया के सीईओ उदयशंकर ने 2007 में अपना कार्यभार संभालने के बाद जब सबसे बड़ा शो लांच करने की सोची तो पांचवीं पास...को चुना जो अमेरिका स्थित फॉक्स इंटरटेनमेंट के आर यू स्मार्टर देन अ फिफ्थ ग्रेडर की नकल था. शंकर को भारत के सबसे सफल टीवी न्यूज हेड के तौर पर देखा जाता है. सात साल पहले उन्होंने आज तक लांच कर इसे हिंदी समाचार चैनल जगत का नंबर वन खिलाड़ी बना दिया था. फिर 2004 में उन्होंने स्टार न्यूज की कमान संभाली जो एनडीटीवी के अलग होने के बाद लड़खड़ा रहा था. जल्द ही उन्होंने इसको भी चोटी तक पहुंचा दिया. दोनों ही मामलों में शंकर ने नकल की बजाय नए विचारों और सूझबूझ भरी रणनीतियों के सहारे दूसरे प्रतिद्वंदियों को पटखनी दी.
तो इसमें कोई संदेह नहीं कि जीत का जादुई मंत्र है हिम्मत और लीक से हटकर सोच. कई साल पहले स्टार की प्रोग्रामिंग को देखने के लिए मीडिया दिग्गज रूपर्ट मर्डोक जब भारत आए तो उन्हें एक शो की कुछ झलकियां दिखाईं गईं. इसका नाम था कौन बनेगा लखपति. मर्डोक ने पूछा कि एक लाख रुपये में कितने डालर होते हैं. जवाब सुनकर उन्होंने फौरन कहा कि ईनाम की राशि को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दीजिए और इस तरह शो का नाम फिर से रखा गया कौन बनेगा करोड़पति. इसके बाद तो सब इतिहास ही है. 2000 में लांच हुआ केबीसी भारतीय टेलीविजन के इतिहास में मील का पत्थर बन गया है. नेटवर्क 18 के सीईओ जुबीन ड्राइवर कहते हैं, “कहानी का सबक ये है कि रेटिंग्स बढ़ाने के लिए एक स्टार जरूर लाइये मगर उसे एक अच्छी स्क्रिप्ट भी दीजिए.” जुबीन का चैनल कलर्स फियर फैक्टर पर आधारित एक शो लेकर आ रहा है. इसका नाम होगा खतरों के खिलाड़ी और इसे पेश करेंगे अक्षय कुमार. जुबीन कहते हैं, “एक शो किसी मैकबर्गर की तरह होना चाहिए जिसमें भरी चीजें आपको इसे खाने को ललचा दें.” ख़बर है कि वायकॉम 18 ने अक्षय कुमार के साथ एक महीने के शूट के बदले उन्हें 40 करोड़ रूपए का मेहनताना दिया है.
विज्ञापनादाताओं की मोटी रकम दांव पर लगी होती है लिहाजा ये स्वाभाविक ही है कि उनकी तरफ से प्रसारणकर्ताओं पर कार्यक्रम की बेहतर टीआरपी का जबर्दस्त दबाव बना रहता है. इस समय टेलीविज़न उद्योग में अंदेशों का जो माहौल है उसकी वजह ये भव्य कार्यक्रम हैं जिन्हें बड़े बड़े दावों के साथ लॉन्च किया गया पर अपने लंबे चौड़े बजट व प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जबर्दस्त प्रचार अभियानों के बावजूद वे असफल रहे
कुछ प्रसारणकर्ता स्वीकार करते हैं कि फिल्मी सितारों का फार्मूला असफल रहा है. जी टेलीफिल्म के बिजनेस हेड तरुन मेहरा कहते हैं, “मैं इस बात से सहमत हूं कि एक सीमा के बाद दर्शकों के मन में उकताहट घर करने लगती है. शो में सिर्फ स्टार की मौजूदगी भर से काम नहीं चलता. इससे अनूठापन सीमित हो जाता है.” मेहरा ज़ी के सफल संगीत शो सा रे गा मा पा की ओर इशारा करते हैं जिसकी खुल्लमखुल्ला नकल सभी चैनलों ने की. ज़ी चैनल के को-ऑर्डिनेटर संतोष नायर कहते हैं, “दबाव बहुत ज्यादा है क्योंकि जादू की छड़ी चैनलों के पास नहीं बल्कि दर्शकों के पास है.
एंकरिंग फीस के अलावा प्रोडक्शन लागत भी बहुत ज्यादा हो गई है. चैनल वी के उपाध्यक्ष सौरभ कंवर कहते हैं, “आप एक साथ कई कैमरों के साथ काम करते हैं जो लगातार चलते रहते हैं साथ ही कुशल प्रोडक्शन टीम भी होती है. इसका मतलब होता है कि पोस्ट प्रोडक्शन में भी मोटी रकम खर्च होगी।”
दर्शकों को खींचने और रेटिंग राजस्व के दबाव में चैनल्स लगभग सारे हथकंडे इस्तेमाल कर रहे हैं. एनडीटीवी एमेजिन का उदाहरण लें इसने यूटीवी सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशन के साथ अपने बहुप्रचारित कार्यक्रम ‘रामायण’ के दक्षिण भारत में प्रसारण के लिए समझौता किया. यूटीवी ने सन टीवी (तमिल), जेमिनी टीवी (तेलगू) और सूर्या टीवी (मलयालम) पर इस धार्मिक सीरियल के डबिंग अधिकार हासिल करने के लिए न्यूनतम गारंटी रकम जमा की है. यूटीवी सीओओ अजित ठाकुर कहते हैं, “ये बौद्धिक संपदा अधिकारों के साथ एक तरह का प्रयोग है. इस समझौते में तीन पक्ष शामिल हैं. यूटीवी ने रामायण के अधिकार हासिल किए और उसका न्यूनतम गारंटी मूल्य अदा किया. एनडीटीवी इमैजिन को अपने हिस्से की रकम मिल जाएगी, और सन टीवी को रामायण जैसा सफल कार्यक्रम मिल जाएगा वो भी बिना किसी प्रोडक्शन लागत के. इसके अतिरिक्त एनडीटीवी इमैजिन को हमारी आय से भी कुछ हिस्सा मिलेगा लेकिन तब जब हमारी आय एक निश्चित सीमा तक पहुंच जाएगी.”
सितारों से भरे कई कार्यक्रम विषयवस्तु की नवीनता के अभाव के चलते विज्ञापनदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं. माइंडशेयर के एमडी आर गॉथमैन कहते हैं, “अंतत: जिन कार्यक्रमों के साथ एक निश्चित मार्केटिंग योजना होगी विज्ञापनदाता उन्हीं को तरजीह देंगे.” (साभार :तहलका )

खूबसूरत लड़कियां

खूबसूरत लड़कियां
नहीं मिलतीं आसानी से
होती हैं कई प्रतियोगिताएं
मिस सिटी से मिस यूनिवर्स तक
अब मिसेज भी होने लगी हैं
इसके बावजूद नहीं मिलतीं
उनके चेहरे पर लिपे होते हैं
प्रायोजकों के लेप
हर अंग पर लिपटी होती हैं
आयोजकों की चिंदियां
फिर भी नहीं होतीं वे खूबसूरत
उनके चेहरे पर चमकता है बाजार
अंतत: खारिज हो जाती हैं अगले साल
खूबसूरत लड़कियां नहीं मिलती प्रतियोगिताओं से
खूबसूरत लड़कियां जूझती हैं जीवन से
उनके चेहरे पर चमकती हैं पसीने की बूंदें
उनके दिल में होती है निश्‍‍छलता
नहीं जानतीं वे बाजार भाव
वे बिकाऊ नहीं होतीं
राजू कुमार( साभार :तहलका)

नाचने से होगी बैटरी चार्ज

अगर बीच रास्ते में कभी आपकी मोबाइल बैटरी खत्म हो जाए तो परेशान होने की जरूरत नहीं मस्त होकर नाचिए बैटरी खुद-बखुद रिचार्ज हो जाएगी। यह मसखरी नहीं बल्कि वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित सच है। ब्रिटेन की मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी ओरेंज का कहना है कि उसने अक्षय ऊर्जा में विशेषज्ञता वाली कंपनी गाट विंड से करार कर एक ऐसा अनोखा रिचार्जर बनाने का काम शुरू किया है जो नाचने से मिलने वाली ऊर्जा से ही चार्ज हो जाएगा। इस रिचार्जर को इस साल ग्लासटनबरी उत्सव के दौरान प्रायोगिक तौर पर बाजार में उतारा जाएगा। यह अन्य चार्जरों के समान ही छोटा और हल्का होगा। इस्तेमाल करने वाले को इसे अपने हाथों में चिपका कर रखना होगा ताकि जब वह नाच रहा हो उसके शरीर से निकलने वाली ऊर्जा हाथ से संपर्क के जरिए चार्जर तक पहुंच जाए। बाद में इसी चार्जर का इस्तेमाल मोबाइल को चार्ज करने में किया जा सकेगा। ओरेंज के हैटी मैगी ने कहा कि हम एक ऐसा उपकरण बनाना चाहते थे जो ऊर्जा की बचत करे, इस्तेमाल में सहूलियत वाला हो और साथ ही मजेदार भी हो यह रिचार्जर कुछ ऐसा ही है। (साभार लोकतेज )

मरने के बाद जन्मा बच्चा

इसे कुदरत का करिश्मा कहें या कुछ और। आठ माह की गर्भवती महिला की कार दुर्घटना में मौत हो गई लेकिन चिकित्सकों ने उसके पेट में पल रहे शिशु का अस्पताल में जीवित जन्म कराया। शिशु का जन्म मां की मौत के कुछ ही मिनट बाद हुआ। मैक्सिको सिटी अस्पताल के प्रवक्ता जोसे हरनांडेज ने बताया कि चिकित्सकों ने उस महिला के पेट में कुछ गतिविधियां देखी। इसके बाद सिजेरियन आपरेशन कर महिला का प्रसव कराया गया। महिला को दुर्घटनाग्रस्त कार के मलबे से निकाला गया था।

बिग बॉस’-2 होस्ट करने के लिए शिल्पा को मिलेंगे 8 करोड़!

सोनी टीवी का लोकप्रिय रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ एक बार फिर से टीवी पर वापस आ रहा है लेकिन इस बार इसका प्रसारण सोनी की बजाय नए चैनल कलर्स पर होगा और इसकी मेजबानी ब्रिटिश रियलिटी शो ‘बिग ब्रदर’ की विजेता शिल्पा शेट्टी करेंगी। खबर है कि शिल्पा को इस शो की मेजबानी के लिए 8 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
एक सूत्र ने बताया कि फिलहाल शो के निर्माताओं ने शो की मेजबान के रूप में शिल्पा का चयन किया है और इसके प्रतिभागियों का चयन होना अभी बाकी है। इस सूत्र ने बताया कि शिल्पा के लिए शो की मेजबानी स्वीकार करना आसान नहीं था। निर्माता पिछले एक साल से उनके साथ संपर्क में थे लेकिन उन्होंने काफी विचार-विमर्श करने के बाद ही शो करने के लिए हां कही। यह शो चैनल पर प्रसारित हो रहे अक्षय कुमार के शो ‘फियर फैक्टर-खतरों के खिलाड़ी’ के खत्म होने के बाद शुरू होगा।
जब इस बारे में चैनल के सीईओ राजेश कामत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सच है कि ‘बिग बॉस-2’ उनके चैनल पर शुरू होने वाला है लेकिन इसकी मेजबानी के लिए शिल्पा को साइन किए जाने बारे उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि ‘बिग बॉस’ पिछले साल सोनी टीवी पर काफी लोकप्रिय हुआ था और उस समय उसकी मेजबानी अरशद वारसी ने की थी।

Tuesday, July 22, 2008

बिग बी ने कैरेबियाई भारतीयों को झुमाया

पोर्ट ऑफ स्पेन। अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय को अनफॉरगेटेबल टूर के दौरान उनके हिट गानों पर नाचते देखने के लिए भारतीय मूल के कैरेबियाई लोग क्वीन के पार्क ओवल में उमड़ पड़े।
कनाडा के टोरंटो शहर में 18 जुलाई को शुरू होने के बाद यह टूर त्रिनिदाद पहुंचा। चूंकि कैरेबियाई द्वीपों में केवल त्रिनिदाद में ही यह कार्यक्रम होना था, इसलिए सुरीनाम, गुयाना और जमैका से भारतीय चार्टर्ड विमानों से रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे।
शो के दौरान अक्षय कुमार और प्रीति जिंटा ने बेहतरीन गानों पर नृत्य किए। इन दोनों कलाकारों के बाद रितेश देशमुख और विशाल-शेखर ने मंच संभाला। समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री बासदेव पांडेय, सांसद कमला प्रसाद बिस्सेस्सर, सांस्कृतिक कार्यकर्ता अजीत प्रेमसिंह और गांधी सांस्कृतिक केंद्र के कार्यवाहक निदेशक संतोष मिश्रा भी मौजूद थे।
अभिषेक इस मौके पर कहा कि वह 25 साल पहले भी अपने पिता के साथ त्रिनिदाद आ चुके हैं। उन्होंने फिल्म दस और बंटी और बबली के गीतों पर प्रस्तुति की। ऐश्वर्या ने भी अपनी शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया।
जैसे ही अमिताभ परदे पर आए दर्शक खुशी से उछल पड़े। यह वास्तव में अमिताभ बच्चन का शो था। उन्होंने रंग बरसे सहित कई गीतों पर प्रस्तुतियां दीं।

सागर की बेटी का आसमान छूने का जज्बा

Jul 22, 11:53 am
भोपाल। मध्यप्रदेश के सागर जिले की पारुल साहू ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलि मंजारो पर चढ़कर एक नया इतिहास रच दिया है। पारुल हर उस चोटी पर भारतीय तिरंगा फहराना चाहती है जो देश की शान में इजाफा करने वाला हो। पारुल के लिए असंभव को संभव बनाना ही जीवन का लक्ष्य है।
पद्मश्री बछेंद्री पाल के नेतृत्व में इंडो-अफ्रीका के संयुक्त दल ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलि मंजारो पर चढ़ने का अभियान शुरू किया तो बहुत कम लोगों को भरोसा था कि यह दल अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल हो पाएगा।
19,340 फुट ऊंची चोटी पर इस दल के पहुंचने को लेकर अफ्रीकी विशेषज्ञ भी संशय में थे। ऐसा इसलिए क्योंकि इस चोटी पर चढ़ना आसान नहीं है। इसकी वजह इस पहाड़ की चोटी का एकदम सीधा होना भी है।
सागर के व्यवसायी संतोष साहू की बेटी पारुल साहू बताती है कि उनके दल में कुल दस सदस्य थे। इनमें नौ भारतीय और एक अफ्रीकी महिला शामिल थी। जब यह दल लगभग 18 हजार फुट की ऊंचाई पर पहुंचा तो आक्सीजन की कमी के चलते दो सदस्य बेहोश हो गए। इन स्थितियों में उनके दल को भी अपनी सफलता संदिग्ध नजर आने लगी, मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
बछेंद्री पाल के निर्देश पर दल दो हिस्सों में विभक्त हो गया। आखिर में उनके दल ने 28 जून को माउंट किलि मंजारो पर भारतीय तिरंगा फहराने में सफलता हासिल कर ली।
पारुल बताती है कि यह अभियान उनके दल के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण था क्योंकि इस चोटी पर चढ़ना कठिन माना जाता है और महिलाओं के वहां तक पहुंचने की कम ही लोग कल्पना करते थे। जब उनका दल चोटी पर पहुंचा तो वहां का तापमान शून्य से 20 डिग्री कम था। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी और आक्सीजन की कमी भी उनके जज्बे को रोक नहीं पाई।
पारुल अब तक माउंट खेलू, सियाचीन ग्लेशियर, केदार डूम, सहित आधा दर्जन पर्वत श्रृंखलाओं पर फतह हासिल कर चुकी है। उनका सपना एवरेस्ट पर सफलता पाने का है। पारुल ने 9 मार्च को नीरज केशरवानी के साथ दांपत्य जीवन में प्रवेश किया था और एक माह बाद ही वे अपने अभियान पर निकल पड़ी थीं। उनके पति और सास ने उन्हें शुभकामनाओं के साथ अभियान पर भेजा और पारुल उसमें सफल होकर अपनी ससुराल भोपाल लौटी है। (साभार जागरण)

STORY OF PANCHTANTRA

MONKEY'S HEART

On a big Jamun tree, near a river lived a monkey. The tree was always laden with juicy jamuns. The monkey ate the jamuns and also gave them to his friends.One day a crocodile came out of the river and stopped under the tree."Won't you have some jamuns?" called the monkey. "They are delicious."He threw some down to the crocodile.The crocodile liked them. "They're very sweet," he said. "They're the best I've ever had."The two became close friends. The crocodile would come every day to meet the monkey. And the monkey would give him sweet jamuns. The crocodile would eat some and take the rest home for his wife. She too found them delicious."Where do you find these delicious jamuns?" she asked him one day. "I've never eaten such sweet fruit before!""I've made a new friend, my dear. A monkey," the crocodile replied. "He's a monkey who lives on a jamun tree. He very kindly shares the fruit with me."His wife thought, 'A monkey who eats such sweet jamuns must be very delicious himself. I wish I could get to eat him!'She said, "Husband dear, I'd love to meet your friend. Why don't you bring him home one day?'But the crocodile knew the monkey could not swim and would not be able to come. So he did not ask him.Each day his wife's longing increased. Finally she though of a way to make the crocodile bring his friend home. She pretended to be very sick. She even shed some tears-crocodile tears, of course!"What's the matter, dear?" the worried crocodile asked. "Can I get you some medicine?""A-ah!" his wife groaned. "The doctor said only a monkey's heart can cure me.""What! A monkey's heart?" the crocodile asked."Yes. You will have to get your friend's heart if you want me to get well.""But he's my best friend. I can't kill him!" the crocodile said. "That shows you care more for him than you do for me," the wife said. "You don't care if I die!""Now, now, dear," said the crocodile, "let me see what I can do."But the crocodile did not know what to do. He did not want to kill his friend. And he did not want his wife to die either.'I can't let my wife die,' the crocodile thought and decided to bring her the monkey's heart. Now, how was he going to do that? It would not be easy. His friend was not stupid.He went to the jamun tree where the monkey had been waiting for him."What's the matter, friend?" asked the monkey, "Why are you so late? You look sad. Is something wrong?""My wife is very angry with me," the wily crocodile replied. "She says that I always feast on your jamuns, but I never invite you home. She has invited you for dinner today. Will you come? Your home is in the water and I can't swim.""Oh, don't worry about that," the crocodile said. "We live on a sand bank near the river. I could carry you there on my back.""Is that so?" asked the monkey. "Then I'd love to come." He jumped onto his friend's back happily. The crocodile swam out of the river. Halfway through, he started to dive into the water. The monkey was very scared."Stop, stop!" he cried. "I will drown if you do that.""I am sorry my friend," the crocodile said. "But I have to kill you. My wife is very ill. The doctor says only a monkey's heart can cure her."The monkey knew he had to save his life somehow."Is that all?" he asked in a friendly voice. "I wish you had told me earlier, dear friend. You see, I keep my heart hidden away safely in a hole in the jamun tree. I would have brought it with me if I had known that your wife needed it.""Really?" the crocodile said. "Then let's go back and get it." He was relieved that he would not have to kill his friend after all.The crocodile swam right back to the jamun tree. The monkey jumped off as soon as they reached the riverbank and climbed up the tree.When he was safe on the highest branch he said, "You are the biggest fool I've ever known. Do you really believe I keep heart in the tree? Go back to your greedy wife and never come here again."And that was the end of their friendship.