Wednesday, May 12, 2010

भारत का ही रहेगा अश्वगंधा


सरकार ने समय पर उचित कार्रवाई करके अमेरिका की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा पारंपरिक भारतीय चिकित्सा के अश्वगंधा (विथानिया सोमनीफेरा) पौधे का पेटेंट करवाने के प्रयास को नाकाम कर एक बड़ी सफलता हासिल की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अमेरिका की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी नेटरिओन इंक द्वारा पारंपरिक भारतीय चिकित्सा के अश्वगंधा पौधे के अर्क और भेषजीय, पशु चिकित्सीय अथवा पौषणिक आहार के रूप में स्वीकार्य संवाहकों से निर्मित सम्मिश्रण के माध्यम से 27 जुलाई 2006 को 'उपचार पद्धति अथवा तनाव प्रबंधन' के रूप में पेटेंट आवेदन पत्र यूरोपीय पेटेंट कार्यालय में दायर किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार ने इसकी जानकारी मिलने के बाद इस संबंध में तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी। अश्वगंधा का आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा पद्धति में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस संबंध में पारंपरिक ज्ञान अंकीय पुस्तकालय द्वारा आयुर्वेद, सिद्ध, और यूनानी के विभिन्न शास्त्रों का उल्लेख करते हुए यूरोपीय पेटेंट कार्यालय में साक्ष्य दायर कराए।

इस पुस्तकालय तक यूरोपीय पेटेंट कार्यालय और संयुक्त राज्य पेटेंट संगठन (यूएसपीओ) की पहुंच बनाने के लिए उनके साथ करारों पर हस्ताक्षर किए गए हैं ताकि गलत पेटेंटीकरण को समय पर रोका जा सके।(source:ndtv)

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