गलतियाँ करना कभी बंद नहीं होताऔर
उन्हें ठीक करना भी
नई के साथ पुरानी गलतियाँ भी हम करते हैं
और हर गलती न ठीक हो सकती है
और न हम ठीक कर पाते हैं, न करना चाहते हैं
कुछ गलतियाँ करके हम पछताते हैंऔर
कुछ गलतियाँ हम जान बूझकर करते हैं
जैसे कि किसी यह कह देना कि यार मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
कुछ गलतियों के बारे में हमें कभी पता नहीं चलता
कई बार तो बताने पर भी हम यह जान नहीं पाते
बहरहाल मैं कसम खाता हूँ कि जब तक जिंदा हूँ
गलतियाँ करता रहूँगा
अगर मैं अपनी किसी भी गलती के लिए माफी न मांगूंतो
समझना कि मैं हूँ नहीं।
(-विष्णु नागर)
Wednesday, July 30, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)

No comments:
Post a Comment