इसे किसी की साजिश करार दिया जाए या मजाक। जो भी हो, मगर इस साजिश या मजाक ने एक वृद्ध की जान ले ली। घटना के बारे में जो भी सुन रहा है, वही अपने दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाता है। कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के कैलावालान, दिल्ली गेट मोहल्ले में थान सिंह नामक व्यक्ति का परिवार रहता है। 70 वर्षीय वृद्ध थान सिंह दूध की डेयरी चलाते थे। जबकि उनके तीनों पुत्र आटा चक्की चलाने का काम करते हैं। विगत 22 जून को थान सिंह के मकान पर एक रजिस्टर्ड लिफाफा पहुंचा। जब इस लिफाफे को खोला गया तो परिवार का हर कोई सदस्य सन्न रह गया।
दरअसल, रजिस्टर्ड लिफाफे में कुछ और नहीं बल्कि थान सिंह के अंतिम संस्कार की श्मशान घाट की पर्ची थी। पर्ची में उल्लेख था कि थान सिंह की मौत विगत 17 जून को हो गई थी। जबकि 18 जून को उनका अंतिम संस्कार हिंडन स्थित श्मशान घाट के 5 नंबर प्लेटफार्म पर कर दिया गया। पर्ची पर थान सिंह का नाम, पता व टेलीफोन नंबर पूरी तरह से ठीक था।
अपने ही अंतिम संस्कार की पर्ची देखकर खुद थान सिंह का माथा ठनक गया। परिजनों का कहना है कि इसके बाद से ही थान सिंह तनाव में आ गए थे। शायद यही कारण रहा कि रजिस्टर्ड डाक से पर्ची मिलने के अगले ही दिन सुबह थान सिंह की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि पर्ची के बाद से ही वह इस कदर तनाव में थे कि शायद उन्हें हार्टअटैक हो गया।
परिजनों ने हिंडन घाट पर जाकर जब इस पर्ची की बाबत जानकारी हासिल की तो पता चला कि उक्त पर्ची फर्जी है। किसी ने फर्जी तरीके से पर्ची छपवाकर इस घटना को अंजाम दिया।(source:yahoo.com)
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